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Madhavi Solanki

Action Inspirational

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Madhavi Solanki

Action Inspirational

उड़ता ही चला जा रहा है परिंदा

उड़ता ही चला जा रहा है परिंदा

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उड़ता ही चला जा रहा हे परिंदा पता नहीं कैसा

अजीब सा जोश हे या फिर मंज़िल से बहोत प्यार , 

सिर्फ़ ऊंचे आसमान में उड़ता ही चला जा रहा हे,

ना ही वो पीछे मोड़ कर देखता है,


ना वो बहुत आगे की सोचता है, 

वो तो वर्तमान के पलों का और

इन रास्तों का मज़ा बखूबी ले रहा है,


शायद यहीं आनंद मिजाजी ओर मनचला स्वभाव ही उसे

हर वक्त आगे बढ़ ने की शक्ति देता है और शानदार जीत भी

यूं ही अकेला चलता चल ओह परिंदे बहुत ही जल्द वो दिन आएगा

जब तुम ओर भी ऊंचे आसमान में होगे और तुम्हारी

जीत की खुशी सब मना रहे होगे,


बस रुकना नहीं, डरना नहीं, पीछे हटना नहीं,

यूं ही आगे बढ़ते रहना, फिर देखना क्या लाजवाब

मंज़िल तुम्हें मिलती है


बस यूं ही उड़ता चल परिंदे ऊंचे आसमान में,

मंजिल के इंतज़ार में या फिर दिल इंतज़ार खत्म करवाने,

 ख्वाहिशों के समुंदर में एक पल के लिऐ ही सही,

पर एक बार डुबकी तो मार ही लो,


कोशिश तो कर ही लो सपने पुरे करने की,

हार भी गए तो क्या ? कोशिश तो की थी ना,

बस यूं ही उड़ते चलो अपने पंख के सहारे,

नई जिंदगी का आनंद लेने, जिंदगी को खूबसूरत बनाने।


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