जगत में हम सबके सब अपने
जगत में हम सबके सब अपने
जगत में हम सबके सब अपने,
पूरे करें मिल-जुलकर सब सपने।
चाहे हों कैसे भी हालात,
रहें एक-दूजे के हम साथ।
शुभ्र दिन हो या हो काली रात,
न छोड़ें हम साथी का हाथ।
सफलता चरण चूमेगी अपने
निभाया साथ जो है सबने।
जगत में हम सबके सब अपने,
पूरे करें मिल-जुलकर सब सपने।
रखेंगे हम अपना यदि ध्यान,
तब ही कर पाएंगे दूजे का कल्याण।
स्वस्थ निज तन-मन जब होगा,
दे पाएंगे तब ही निज कार्य पर ध्यान।
सभी निज कार्य जब पूरे करेंगे अपने,
अधूरे न रहेंगे किसी के सपने।
जगत में हम सबके सब अपने,
पूरे करें मिल-जुलकर सब सपने।
यह जगत है एक बड़ी सी रंगशाला,
अभिनय हित पात्र सबका है निराला।
विदा लेनी हमें निज अभिनय कर,
यहां पर न कोई भी है रुकने वाला।
स्मृतियां रहेंगी मधुरिम इस जग में,
निभाएंगे सुंदर अभिनय गर अपने।
जगत में हम सबके सब अपने,
पूरे करें मिल-जुलकर सब सपने।