फरमान
फरमान
चंदे की खैरात पर सजती है दुकाने जिनकी
पसीने की कमाई का हमसे वह हिसाब है मांगते
लाशो की दीवारें बनाकर बनाया आभासी आभामंडल जिन्होंने
ईमानदारी और बहादुरी का हमसे वह सबूत हैं मांगते
खून की नदियां बहा दी मजलूम और बेबस लोगो की जिन्होंने
अमन और शांति का हमसे वह पैगाम हैं मांगते
किलकारियां बच्चो की गुंजी न आँगन में जिनकी
जिगर के टुकड़े का हमसे वह बलिदान हैं मांगते
चोरबाजारी में गुजरी तमाम हयात जिनकी
सत्यनिष्ठा की किताब का हमसे वह हिस्सा हैं मांगते
छिनकर खाने की आदत को हक़ समझा 'नालन्दा' जिन्होंने
लंगर लगाने का हमसे वह फरमान हैं मांगते