सोचा ना था कि
सोचा ना था कि
सोचा ना था कि याद करेंगे तुमको बिछड़कर,
मिलने की इच्छा में जी लेंगे जीवन नींदों में जगकर,
सपनों में रोज़ मिलने की तुमसे ही इच्छा करेंगे,
यादों को तेरी समझेंगे बाहें यूं बैठा करेंगे,
रो लेंगे अपनी बाहों में ख़ुद से ही लिपटकर,
मिलने की इच्छा में जी लेंगे जीवन नींदों में जगकर।
सोचा ना था कि......
सोचा ना था कि गीत मेरे तुमको बुलाएंगे,
दूर जाकर तुमसे वो दिन सारे याद आएंगे,
हंसेगे भी यादों के साए में इसमें ही आंसू बहाएंगे,
इन यादों की कश्ती में बहकर कहीं हैम दूर निकल जाएंगे,
दूर जाकर तुमसे वो दिन सारे याद आएंगे,
सोचा ना था कि........
सोचा ना था कि मन में कहीं एक सूनापन रह जाएगा,
तेरे बिना ये जीवन मेरा अधूरा ही रह जाएगा,
कि जिस पल में हमने छोड़ा तुम्हें वो लौट के आएगा,
बीता समय मेरा मुझे फ़िर पास बुलाएगा,
मन में मेरे छन्न से कहीं कुछ टूट जाएगा,
सोचा ना था कि...........