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सोच

सोच

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उन्मुक्त गगन में

विचरना

भय रहित

स्वच्छंद चलना,


आत्मबल हो

ह्रदय में

मोह की छाया

न पनपे,


सत्य के हथियार से

साकार करले

आज सपने !


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