संवाद
संवाद
हम करते हैं न!हर प्रिय से
कुछ पक्षियों से
किसी पेड़ से
किसी फूल से
कुछ कुत्तों से
किसी बिल्ली से
छोटे से अंजाने बच्चे
और ना जाने किन
जानवर बच्चों से॥
एक फ़्रीक्वेंसी होती है
कुछ अलग अलग
वो भी उसे समझते हैं
आपको कैसे भी
जवाब तो देते हैं
तभी तो आप
रह रह कर
फिर बतियाते हैं
आँखों से , भावों से॥
उन सबसे॥
ये रिश्ते हमारे और उन
जीव धारियों के
बीच रहे हैं सदा
बस भाषा
डीकोडिड नहीं॥
ये जीव जगत
यानी फ्लोरा फोना
बायोस्फीयर
हम सब का है॥
आओ उस प्यार को
निगाह दें॥