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Pradeep Sahare

Inspirational Children

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Pradeep Sahare

Inspirational Children

संस्कार

संस्कार

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गुड्डा और गुड़िया,

दादी माँ बुढ़िया।

पलकों की छाँव,

नानी का गाँव।

नानी की बाणी,

अनगीन कहानी।

सदियों पुरानी।

जानी अनजानी।

रिश्तों का जामा,

चंदा सा मामा।


मीठे मीठे बोल,

कान में अमृत घोल।

बस यही है सब,

संस्कार का मोल।

अगर यह संस्कार,

हममें ना होते,

तो हम कुछ न होते,

बस,

जड़वत बने रहते,

न किसी का सुनते,

ना किसे सुनाते

सब मौन हो जाते।



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