संस्कार
संस्कार


मिलते अच्छे संस्कार सदा
पहले अपने परिवार में
सबसे बड़ी प्रेरणा स्वयं
माता-पिता संसार में
उनकी नैतिकता का असर
जीवन भर बच्चों पर रहे सदा
चाहे कितने दुर्दिन हों, या फिर
होवे आपदा।
फर्ज़ माता-पिता का भी
महज औलाद को जन्म
देना नहीं
उन्हें संस्कारी बनाने हेतु,
बनना है प्रेरक भी।
ताकि आज के बच्चे जो,
हैं भविष्य भारत का,
नैतिकता का मार्ग अपनाते
हुए सद्कर्मों से
स्व का, परिवार का,
समाज, देश व विश्व का
कल्याण कर सकें