Damyanti Bhatt
Classics
अधरों पर शोर
हृदय का सन्नाटा
नदी के दो किनारों जैसा
बना जीवन
बचपन मैं
भेदभाव
ससुराल के तानों से
नहीं टूटी
पर
बुत सी बन गयी
हर धडकन मेरी
जिंदगी मिली है
जी नहीं पा रही
जीने का सलीका नहीं आ रहा
बस जी रही हूं
सांसें चल रही हैं।
हिमालय
Untitled
आंखों में
कुछ यादें बुल...
एहसास
रिश्तों की डो...
तो ऐसा न हो कि किसी भी व्यक्ति के पास खोने के लिए कुछ शेष ही न बचे। तो ऐसा न हो कि किसी भी व्यक्ति के पास खोने के लिए कुछ शेष ही न बचे।
और इनका शासनकाल जो एक हजार वर्ष के भीतर ही होगा। और इनका शासनकाल जो एक हजार वर्ष के भीतर ही होगा।
किसी बर्फीले पहाड़ पर चाँदी-सी चमकती मानवीय आकृतियाँ, महज़ बर्फ़ से बनी किसी की कारीगरी कब थीं, हर ज... किसी बर्फीले पहाड़ पर चाँदी-सी चमकती मानवीय आकृतियाँ, महज़ बर्फ़ से बनी किसी की ...
कसीदा हजरत बाबा साहब सोनगिरी सरकार ग्राम सोनगिरी,फतेहगढ़ जिला मन्दसौर (म.प्र.) कसीदा हजरत बाबा साहब सोनगिरी सरकार ग्राम सोनगिरी,फतेहगढ़ जिला मन्दसौर (म.प्र.)
कर्ण भी महान है'उसकी गाथा भी महान है पिता भी महान है' उनका तेज भी महान है। कर्ण भी महान है'उसकी गाथा भी महान है पिता भी महान है' उनका तेज भी महान है।
पुरुष के पास मायका नहीं होता <br>नहीं होताकोई ऐसा आँगन<br> जहाँ बिखेर सकें अपनी सारी थकान, <br>... पुरुष के पास मायका नहीं होता <br>नहीं होताकोई ऐसा आँगन<br> जहाँ बिखेर सकें ...
शौनक जी कहते हैं सूत जी शिरमोर आप वक्ताओं के अंधकार में पड़े हुए लोगों को परमात्मा का साक्षात्कार कर... शौनक जी कहते हैं सूत जी शिरमोर आप वक्ताओं के अंधकार में पड़े हुए लोगों को परमात्...
साथ न टूटे सातों जन्म वही पवित्र बंधन जो तुम्हें बना दे मेरा। साथ न टूटे सातों जन्म वही पवित्र बंधन जो तुम्हें बना दे मेरा।
अहिरावण कहे हनुमान को ढीठ बहुत तुम, लगे न डर। अहिरावण कहे हनुमान को ढीठ बहुत तुम, लगे न डर।
बाकी भी जो वानर और रीछ हैं पकड़ो और उन्हें तुम खा लो बाकी भी जो वानर और रीछ हैं पकड़ो और उन्हें तुम खा लो
तुमको चुनना होगा अपने मम्मी पापा और मुझमें से किसी एक को। तुमको चुनना होगा अपने मम्मी पापा और मुझमें से किसी एक को।
क्षय तृतीया को ही वृंदावन में श्रीबिहारीजी के चरणों के दर्शन वर्ष में एक बार ही होते है क्षय तृतीया को ही वृंदावन में श्रीबिहारीजी के चरणों के दर्शन वर्ष में एक बार ही ...
परन्तु ययाति इतने पर भी तृप्त नहीं हो सका भोगों से। परन्तु ययाति इतने पर भी तृप्त नहीं हो सका भोगों से।
प्राचीनबर्हि कहें नारद जी से कि पूरी तरह समझ में न आया। प्राचीनबर्हि कहें नारद जी से कि पूरी तरह समझ में न आया।
क्योंकि चित में निरावरण एक अद्वितीय आत्मा मैं। क्योंकि चित में निरावरण एक अद्वितीय आत्मा मैं।
बेसुध हो रहा उस समय कालिय भगवान के चरणों की चोट से। बेसुध हो रहा उस समय कालिय भगवान के चरणों की चोट से।
सूत जी कहें, शौनकादि ऋषियों इस प्रकार मार्कण्डेय मुनि ने अनुभव किया योगमाया वैभव का और फिर निश्च... सूत जी कहें, शौनकादि ऋषियों इस प्रकार मार्कण्डेय मुनि ने अनुभव किया योगमाया व...
खा कर कोई जादुई टिकिया, तुम सिकुड़ गई, अणु-सी बिटिया। पहुँचे उस छोर पर, जहाँ समय है ठहरा, ब्रह्मांड ... खा कर कोई जादुई टिकिया, तुम सिकुड़ गई, अणु-सी बिटिया। पहुँचे उस छोर पर, जहाँ समय...
श्री कृष्ण परब्रह्म हैं ये सुनकर युधिष्ठर के आश्चर्य की सीमा न रही। श्री कृष्ण परब्रह्म हैं ये सुनकर युधिष्ठर के आश्चर्य की सीमा न रही।
करुणा और मैत्री के भाव से प्रह्लाद जी तब उनसे कहें। करुणा और मैत्री के भाव से प्रह्लाद जी तब उनसे कहें।