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Arun Gode

Inspirational Others

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Arun Gode

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सम्राट अशोक

सम्राट अशोक

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सम्राट अशोक

दुनिया में अपने- अपने समय पर,

सम्राटों का अपना- अपना इतिहास.

सभी ने रची अपनी- अपनी गौरव गाथा,

लेकिन कुछ ही सम्राटों कार्य बना इतिहास.

सम्राट बनने का अपना था वैभव और खुशी,

जिसे रचने में राजा- महाराजाओं में होती रस्सा कसी

सम्राट अशोक भी निकल पड़े युद्ध पर,

अपने पूर्वजों के दिखायें पद्चिन्हों पर.

लहराना था मौर्य साम्राज्य परचम कलिंग पर,

लक्ष प्राप्ती के लिए किया आक्रमण कलिंग पर.


कलिंग की सेना उतर आई अपने स्वाभिमान पर,

दोनों के बीच चला युद्ध लंबा और भयंकर

सम्राट अशोक ने जीत के लिए कर दी सभी हदे पार,

जिस में मरनेवालों की संख्या हो गई तीन लाख पार

इतिहास में नहीं मिलता दुसरा इतना बड़ा नरसंहार,

सम्राट ने पाई फतह युद्ध में कलिंग को कुचलकर.

कलिंग नरसंहार से सम्राट अशोक हुये शोकीत,

युद्ध जीतने की खुशी से नहीं हुये उत्साहित

अपने ही लिए निर्णय से थे, भ्रमित और व्यथित,

कलिंग नरसंहार से सम्राट हुये संपूर्ण विचलित.

सम्राट अशोक हर कार्य के सफलता लिए,

शक्ति, कौशल्य और ज्ञान की हदें करते पार.

कलिंग युद्ध नजर आये शव इधर –उधर,

नरसंहार में लाशें गिरने की भी हदें हुईं पार.

कहते है नदी में पाणी नहीं बह रहा था,

सैनिकों और मासूमों का खून बह रहा था.

युद्ध का देखकर ये दृश्य चारों और ,

सम्राट अशोक हुये सुन्न और खिन्न जीवन भर.

युद्ध की पीड़ा से हुआ हृदय परिवर्तन,

साम्राज्य के लिए नहीं करना आगे आक्रमण.

करना है मुझे अपने मन अशांती का समाधान,

बुद्ध के विचार से मिला नया मार्ग और ज्ञान.

वासुदेव कुटुंबकम के तत्व को अपनाकर,


मानव कल्याण के मार्ग पर चलकर.

अहिंसा, सत्य, न्याय, समता, सहिष्णुता, सम्मान,

बंधुत्व का करना है आगे साम्राज्य में पालन.

बुद्ध धम्म का करना है चारों और संचारान,

जगह –जगह हजारों स्तुपों का विश्वभर में निर्माण.

सरकारी खजाना खोलकर रची नई कहानी,

लिखा हजारों पत्थरों पर बुद्ध की वाणी.

सम्राट ने दी विश्व को बुद्ध धर्म की पहचान,

भारत को इसी काल में मिली विश्व गुरू की पहचान.

बुद्ध धर्म के प्रचार और प्रसार हेतु अभियान,

कई सौ भिक्षुओं को कराया विश्व भ्रमण .


अपने पुत्र-पुत्री से शुरु किया धम्म अभियान,

बुद्ध संदेश प्रचार के लिए श्रीलंका भ्रमण .

जनकल्याण के लिए छेड़ा सरकारी आंदोलन,

जगह – जगह बनाई सड़कें, पाठ्शालायें,

धर्मशालायें, अस्पताल और पशुनिवास्थान.

प्रवासियों के लिए सुविधाएं और सुखसाधन,

घनी छाया, सड़कों की दोनों और वृक्षारोपन.

भारत में सम्राट अशोक काल था स्वर्ण युग,

जनता के लिए सुख साधन व शिक्षायुग.

नालंदा, तक्शशिला विश्वविद्यालय थे विश्व में रोशन,

भारतीय के साथ विदेशी भी करते वहां अध्ययन.

जब सम्राट अशोक का हुआ निधन ,

बुद्ध विचारों का अशोक के बाद हुआ पतन.

राजा और प्रजा नहीं संभाल सकी बुद्ध विरासत,

मानवी नैतिक मूल्यों का भारत में नहीं हुआ जतन.

वही से शुरु हुआ भारतीय संस्कृति का पतन,

धार्मिक कर्मकांडीयों बोल-बाला व आया कुशासन.

 


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