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Naveen kumar Bhatt

Action Others

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Naveen kumar Bhatt

Action Others

समझे तुम

समझे तुम

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सब बातों की सीमा होती समझे तुम।

फिर चाहे हो हीरा मोती समझे तुम।।


वक्त पड़े तो ही कीमत होती सबकी,

भले लगा लो एड़ी चोटी समझे तुम।।


ये वक्त बुरा हो संघर्षों से नहीं डरना,

इसमें अपनी रोजी रोटी समझे तुम।।


जीती बाजी हार ना जाना बातों पर।

निश्चित है जगमग ज्योति समझे तुम।।


टांग खींच देते हैं अब भी जो बढ़ता है,

दृढ़ संकल्पित करके छोटी समझे तुम।।


हर चौराहे कांटे बोने वाले लोग अभी,

शतरंज चलते नित गोटी समझे तुम।।



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