सजा लो जिन्दगी ऐसी की,
सजा लो जिन्दगी ऐसी की,
सजा लो जिन्दगी ऐसी की
गिरता झरना भी शरमाये
लगें तब चाँद भी आईना
तुम्हारी नज़र जो उधर जाए
बन जाओ तुम ही अब सूरज
अंधेरे खुद ही मिट जाए
सजा लो जिन्दगी ऐसी की
गिरता झरना भी शरमाये
