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Vandita Pandey

Drama

5.0  

Vandita Pandey

Drama

सिर्फ तुम

सिर्फ तुम

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एक मात्र पन्ना नहीं,

पूरी की पूरी किताब हो तुम।


मेरी हर एक कहानी का,

जीता हुआ खिताब हो तुम।


जो कभी मर ही ना सके,

वो किरदार हो तुम।


कानों में हमेशा गूंजता रहे,

वो सितार हो तुम।


मेरी हर सुबह का,

पहला आफताब हो तुम।


मेरी हर रात का,

चमकता महताब हो तुम।


मुझसे कभी छिप ना सके,

वो राज़ हो तुम।


मेरी हर परेशानी का,

एक मात्र इलाज़ हो तुम।


कुछ कीमती जीता,

वो सुनेहरा ताज हो तुम।


बीता हुआ कल नहीं,

मेरा ख़ूबसूरत आज हो तुम।


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