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Vandita Pandey

Romance

3  

Vandita Pandey

Romance

सिर्फ तुम

सिर्फ तुम

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एक मात्र पन्ना नहीं, 

पूरी की पूरी किताब हो तुम।

मेरी हर एक कहानी का, 

जीता वो खिताब हो तुम।

जिसके साथ अपनी पूरी उम्र गुजारना चाहूं,

मेरी ज़िन्दगी का वो किरदार हो तुम।

कानों में जिसकी आवाज हमेशा गूंजती रहे, 

वो इश्क़ सा बजता सितार हो तुम।

मेरी हर सुबह का,

पहला आफताब हो तुम।

मेरी हर रात का, 

चमकता महताब हो तुम।

गर्मी की तपती धूप में,

रिमझिम सी बरसात हो तुम,

मेरे दिल से बेहते,

वो प्यार भरे जज़्बात हो तुम।

मेरी इन आंखो से कभी छिप ही ना सके, 

चाहे कितना भी गहरा राज़ हो तुम।

मुझ से जुड़ी हर परेशानी का, 

एक मात्र इलाज़ हो तुम।

कुछ कीमती जीता, 

वो सुनहरा ताज हो तुम।

मेरा आने वाला हर एक कल,

और मेरा ख़ूबसूरत आज हो तुम।


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