सिर्फ तुम..
सिर्फ तुम..
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एक फूल थोड़ी
मुझे तो पूरा बाग चाहिए
कोई और नहीं..
मुझे तो सिर्फ़ आप चाहिए...!
गलती हो गई उसे चाह के....
अब गलती सुधारनी है उसे भुला के...
रोज जाना जाना करते हो
एक दिन खो ही जाएंगे
कितना भी ढूंढ लेना
कभी नहीं मिल पाएंगे...!
बनाके मीठी सी ग़ज़ल मैं गुनगुना लूं तुम्हें,
इजाजत हो तो धड़कनों में मैं छुपा लूं तुम्हें...