सिर्फ तुम
सिर्फ तुम
व्रत करती हूं तुम्हारी आयु के लिए
पूजा लम्बे साथ की दुआ के लिए।
बिना श्रृंगार लगती हूं अच्छी तुम्हें
जचता है सजना तुम्हारे लिए।
फिक्र नहीं है किसी और की मुझे
बनना है चांद तुम्हारे ही लिए।
नहीं चाहिए कोई धन दौलत मुझे
जीना है मुझे बस तेरे लिए।
पाया बड़ी मन्नतों से तुझे
रब ने बनाया सिर्फ मेरे लिए।