सिपाही
सिपाही
चलो उन रानियों को बादलों में खोजें
जो सबकुछ करने के बाद भी भुला दी गईं
जिनकी क़िस्मत उन मेहंदी की तरह थी
जो धीरे धीरे हाथों से छुटती गई।
उस सिपाही की पत्नी की खोज भी करनी होगी
जिसने रानी और राजा की खातिर कुर्बानी दी
जो गुमशुदा रहे और मुंह से एक लफ्ज़ भी न कहा
उसकी पत्नी ज़रूर बहादुर रही होगी और यह सच है।
उस सिपाही की बेटी का ज़िक्र भी होना चाहिए
जिसे ग़र पढ़ने-लिखने का मौक़ा मिला होता तो
नालंदा और तक्षशिला में उसने किताबें लिखी होतीं
लेकिन उसका क्या हुआ यह कोई नहीं जानता।
मुझे राजा और रानी की चिंता नहीं होती
इतिहास और शतरंज में वे मज़बूत होते हैं
उनके पास अपनी अपनी शक्तियां होती हैं
मुझे बस उस बख्तरबंद सिपाही की चिंता होती है।
तुम्हारा इतिहासी पन्ना पलट जाएगा
अगर श्रम का पन्ना इन नज़रों से लिखा जाएगा
तब तुम्हें मालूम चलेगा कि वे थे, तब तुम थे
वो नहीं होते तो तुम भी नहीं होते।
और यह बात सौ प्रतिशत सच है
चाहे तो लिटमस पर जांच करके लो।