सटीक ख़बर
सटीक ख़बर
अगर पृथ्वी सच में थाली की तरह चपटी होती
तब उन तमाम शोषकों किनारे ले जाकर
बेजोड़ धक्का देती जो रोज़ इंसान होने के
दावों को बुरी तरह खारिज़ करते हैं।
ऐसा नहीं है कि मुझे हिंसा पसंद है
ऐसा नहीं है कि मुझे धक्का-आनंद चाहिए
ऐसा भी नहीं है कि मेरी उनसे दुश्मनी है
बस इसलिए कि वे बिल्कुल इंसान नहीं रह गए हैं।
विज्ञान की खोज वरदान रही पर...
उन्होंने इसका इस्तेमाल दूसरे के
हक़ को हड़पने में ज़्यादा किया
ज्ञान हड़पना या बेईमानी नहीं है।
विज्ञान एक भली औरत की क़ुबूल दुआ
का नतीजा था...शायद इंसान की पहचान थी
पर यह भी सच हुआ कि बम बने
और बमों के धमाकों में वो दुआ मर गई।
इसकी मुझे सटीक ख़बर है।