सिमटी जिंदगी
सिमटी जिंदगी
औरों के लिए जीते जीते
खुद को भूल सी जाती है
औरत ही अपनों के लिए
खुद से खुद ही दूर हो जाती है।
खुद में कुछ यूँ सिमटी जिंदगी
की खुद को ही समेट लिया
खुले आसमान में उड़ना था
पर खुद में ही बिखर गयी।
औरों के लिए जीते जीते
खुद को भूल सी जाती है
औरत ही अपनों के लिए
खुद से खुद ही दूर हो जाती है।
खुद में कुछ यूँ सिमटी जिंदगी
की खुद को ही समेट लिया
खुले आसमान में उड़ना था
पर खुद में ही बिखर गयी।