भाव
भाव
देख तुझे हुआ मन ये भाव विभोर
हुआ मन आनंदित, दिल में उठा शोर
देख तुझे ये दिल मन ही मन मुस्काये
सुकून मिलता तुझसे दिल खींचता तेरी और
सपनों का वो आशियाना मेरा
कितना खूबसूरत जमाना तेरा
अधूरा -अधूरा सा समा
अधूरी -अधूरी सी रातें है
मौसम ने करवट बदली
बिन मौसम बरसातें हैं
ख्वाबों ख्यालों में बसे हो तुम
तुमसे ही सारी बातें हैं
कुछ अधूरी कुछ पुरी
वो हसीं मुलाकातें हैं