आजीवन दोस्ती
आजीवन दोस्ती
आजीवन दोस्ती तो
कहने की बात है ,
ना कोई साथ निभाता
ना ही हम निभा पाते
जीवन में बहुत सारे ताने बाने हैं
कुछ वक्त के तो कुछ
अपनो के मारे हैं,
अब तो दोस्ती चार दिन की
फिर मै कौन तू कौन
और कोई अधिक दिन निभा ले
समझो उन्होंने किए बहुत एतबार
एक दूसरे की गलतियों को
किया होगा नजरंदाज।