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शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"

Abstract Inspirational Children

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शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"

Abstract Inspirational Children

सिखाया है मैंने

सिखाया है मैंने

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आज मैंने "बच्चों" को सिखाई है,

पकाना कच्ची पक्की रसोई,

और सिखाया "जरूरत" है,

पर पहचान" नहीं है तुम्हारी l 

आज मैंने बच्चों को सिखाया है, 

सभी की सुनना और सहना, 

और सिखाया झुकना नहीं है, 

जरूरत हो तो जवाब भी देना l

आज मैंने बच्चों को सिखाया है ,

सभी के आगे नजरों को झुकाना ,

और सिखाया कि सम्मान में है सही,

पर गलत हो तो, नजरों को मिलाना l 

आज मैंने बच्चों को सिखाया है,

समझौते को करना और निभाना,  

और सिखाया कि बराबरी का है सही, 

पर इक तरफ़ा हो तो आगे बढ़ जाना l 


आज मैंने बच्चों को सिखाया है,

रोज थोड़ा थोड़ा करके बचाना,

और सिखाया कि मन मार के नहीं,

पर थोड़ा अपनी खुशियों पर उड़ाना l

आज मैंने बच्चों को सिखाया है,

सबकी छोटी छोटी खुशियाँ निभाना,

और सिखाया कि सिर्फ देना है हमें ,

पर किसी से लेने की उम्मीद मत लगाना l

आज मैंने बच्चों को सिखाया है ,

सबके कदमों से कदम मिलाना,

और सिखाया, कुछ करना ना ऐसा,

कि पड़ जाए तुम पर उँगली उठाना l



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