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शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"

Romance

4  

शालिनी गुप्ता "प्रेमकमल"

Romance

तुमसे प्यार नहीं है

तुमसे प्यार नहीं है

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माना कि मुझे तुमसे प्यार नहीं है, 

क्योंकि मुझे प्यार पर एतबार नहीं है,

प्यार के बहाने बहुत कुछ देख लिया 

इसलिए शायद उससे सारोकार नहीं है,

मिली हो जबसे,बहुत अच्छी लगती हो 

पर प्यार नहीं है,ये तुमसे इजहार नहीं है, 

तुम्हारे साथ वक्त बिताना पसंद है मुझे, 

पर यही कहुँगा, कि तुमसे प्यार नहीं है,

मानता हूं की अकेले नहीं कटती जिंदगी,तो 

ये भी नहीं कहुँगा कि तुम्हारी दरकार नहीं है, 

सबकुछ हो मेरी तुम, पर तुमसे प्यार नहीं है, 

जानता हूँ कि तुम्हें ये सुनना बुरा लगता है,

पर क्या करुँ, किसी पर मुझे विश्वास नहीं है,

मैं प्यार करता हूँ तुम्हें,ये जताना जरुरी क्यों है, 

मैं हरदम तेरे साथ हूँ, ये क्या काफ़ी नहीं है, 

कस्मेवादे, प्यार, वफ़ा इनकी जरूरत क्या है, 

बिनकहे जरुरत में तेरे साथ हूँ,एहसास नहीं है? 


कुछ दिनों की दूरी ने कितना कुछ समझा दिया 

बहुत दिनों से तुमसे दूर हूँ,पर जानता नहीं था,

तुम मेरे लिए क्या हो ये शायद मानता नहीं था,

बातें तो हो जाती हैं तुमसे,पर तेरा साथ नहीं था ,

यादों में तेरी,हाथों की गर्मी का एहसास नहीं था 

मानता हूं अपनी गलती,और कहना चाहता हूँ कि 

करता हूँ कितना प्यार तुमसे,ये एहसास नहीं था l

 



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