अधूरी डायरी के पन्ने
अधूरी डायरी के पन्ने
ये अधूरी डायरी के पन्ने
कितना कुछ कहते है ना
कुछ अधूरे जज्बात
कुछ भूले से एहसास
कुछ भूले बिसरे चेहरे
कुछ अधूरी कहानियाँ
ये अधूरी डायरी के पन्ने
कितना कुछ सुनते है ना
दिल में दबा हुआ दर्द
कुछ अनसुने ख्वाब
दिल टूटने की चटक
कुछ की हुई गलतियाँ
ये डायरी के अधूरे पन्ने
कितना कुछ देखते हैं ना
कुछ टूटते,छूटते रिश्ते और
कुछ बनते, बिगड़ते हालात
कुछ अधूरे से दुस्साहस
और छिपे हुए राज
ये अधूरी डायरी पन्ने
कितना कुछ समेटे रहते हैं
वो अधुरा इश्क़,वो सूखे गुलाब
कुछ मुँदी हुई चोटे और जख्म
कुछ सहमी, लरज़ती हुई साँसे
ख्वाहिशों के पूरा होने का वहम
ये अधूरी डायरी के पन्ने
कितना कुछ बोलते हैं ना
पर क्या बोल पाते हैं वो...
फ़टे हुए पन्नों की कहानियाँ
अधूरी छूटी इबारतों की कोशिशें
गुजरे वक्त से,वो सीखे हुए सबक
वो भुला बिसराकर मुस्करा कर
आगे बढ़ते हुए कदमों का सफ़र
शायद.. शायद नहीं....