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Tripti Dhawan

Tragedy Others

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Tripti Dhawan

Tragedy Others

शतरंज

शतरंज

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हम सभी है पैदल इस शतरंज की दुनिया में,

कुछ घोड़े, ऊंट, हाथी,राज कर रहे हैं ।।


मरते तो कभी पिटते पैदल यहाँ प्रतिदिन,

राजा भी बैठ करके राजनीति चल रहे है ।।


आपदा जो कोई आती तो पैदल ही मात खाती

बाकी के सारे दिग्गज आहे भर रहे हैं ।।


विपत्तियों का बोझ सह जब सारे पैदल मर गए,

तब ऊंट, हाथी, घोड़ों में हड़कंप मच जाती ।।


ये कैसी तेरी माया है , शतरंज के रचयिता

पैदलों की जान पे ही बाजी जीती जाती ।।


और अंत काल भूल कर के पैदलों की गाथा को,

एक सुर में विजय गान राजा की गाई जाती ।।



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