राखी- क्या है ये रिश्ता
राखी- क्या है ये रिश्ता
कलाई पर बंधी राखी ,कोई अहसान नहीं है ये रिश्ता ,
दुआ है, प्यार है, ज़िम्मेदारी है, कोई भार नहीं है ये रिश्ता ।।
प्यार , इज्ज़त के धागों से बना है,
किसी महँगी- सी राखी का मोहताज़ नही है ये रिश्ता ।।
ग़ुरूर है, गर्व है, सम्मान है , हर बार एक आस है ये रिश्ता,
जीवन के स्वर्णिम पलों का अप्रतिम अहसास है ये रिश्ता,
सुकून है, एक राह है, विश्वास की पनाह है ये रिश्ता,
विषम परिस्थितियों में भी जो हाथ थाम लेता है,
ऐसे अटूट बंधन का आयाम है ये रिश्ता ।
कोई बंधन जो जीवन के साथ ही आया हो,
ऐसी बंदिशों से भी परे, साकार है ये रिश्ता,
जीवन में जिसके लिए हरदम खड़े हो ,
ऐसे भावना का प्रतिमान है ये रिश्ता ।
सिर्फ भाई ही राखी के फ़र्ज़ का, कर्ज़दार नहीं है,
बहन का भी उतना ही हकदार है ये रिश्ता,
समाज में बुराइयों को खत्म करने के लिए,
बहुत बड़ा उदाहरण है, हर बार ये रिश्ता,
इस त्योहार को गर संस्कार बना लो
तो समाज के कवच के समान है ये रिश्ता ।।