Tripti Dhawan
Inspirational
हाथ मे हाथ थाम कर हिम्मत मिल जायेगी
थोड़ी थकन गर होगी तो वो भी मिट जायेगी ।।
पथ पर साथ चलने में जो लोग साथ होंगे,
वही से जीवन को सच्चे मित्रों के पते मिल जाएंगे ।।
ठहरे हुए कदमों को गति मिल जाएगी,
जिंदगी फिर नयी प्रगति मिल जाएगी ।।
माँ
आत्मदर्शन
राखी- क्या है...
*आत्महत्या का...
जीवन की वास्त...
जीवन में सिगर...
हँसी
प्रोम्प 28 आश...
साथ साथ
शतरंज
देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा दान। देवालय में बैठा बैठा मैं मन में करता ध्यान। शुभ दिन आया मैं करूँ दीप कौन सा द...
सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया। सफलता की एक ऐसी कहानी ये, जिसने बदला नज़रिया।
अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी अमर रहेगी गोरा बादल की कहानी बोल रही मिट्टी राजस्थानी
मोक्ष तो सहज ही स्वयं को पाना, पाया बस वही जिसने यथार्थ को माना। मोक्ष तो सहज ही स्वयं को पाना, पाया बस वही जिसने यथार्थ को माना।
जीवन की दुर्गम राहों पर, राही तुझ को चलना होगा । जीवन की दुर्गम राहों पर, राही तुझ को चलना होगा ।
तुम्हें सीखना होगा लड़ना, दुष्ट और हैवानों से। तुम्हें सीखना होगा लड़ना, दुष्ट और हैवानों से।
इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है! इंद्रधनुष देखकर मेरे मन में सदा, एक ही ख्याल आता है!
पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम. पुकार ले कोई जो पीछे से, तो रुक जाएं ये कदम.
उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ही तो मेरी जागीर है।.... उसकी फ़ितरत इंसानों से अलग है, वो आख़िरी साँस तक साथ निभाऐगी।हाँ सच ही तो, याद ह...
शबनम की मधुर फुहार है बेटी, विधि का अनुपम उपहार है बेटी। शबनम की मधुर फुहार है बेटी, विधि का अनुपम उपहार है बेटी।
एक खींचता इस जीवन रथ को, तो दूजा हरदम राह दिखाता है. एक खींचता इस जीवन रथ को, तो दूजा हरदम राह दिखाता है.
तब उठा ले यदि कोई अनुचित कदम, हो जाता है तब उससे जु ड़ा हर जीवन बेरंग l तब उठा ले यदि कोई अनुचित कदम, हो जाता है तब उससे जु ड़ा हर जीवन बेरंग l
.चलो आज एक बात बताता हूं । ... तुम्हे जीने की राह दिखाता हूं ।। .चलो आज एक बात बताता हूं । ... तुम्हे जीने की राह दिखाता हूं ।।
चहूँ ओर घोर निराशा के बादल छाए, बता किस विध तुझे मैं मनाऊं माँ।। चहूँ ओर घोर निराशा के बादल छाए, बता किस विध तुझे मैं मनाऊं माँ।।
अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा। अहिल्याबाई का सुदृढ़ व्यक्तित्व, उनकी जीवन गाथा।
बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को जगाते हैं. बैर और नफरत की दीवार को, मिलकर मिटटी में मिलाते हैं चलो इस जनवरी, जन जन को...
गलत शब्द प्रयोग करें तो होती है बड़ी निराशा। गलत शब्द प्रयोग करें तो होती है बड़ी निराशा।
ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता। ये सूना पड़ा हुआ घर, घर का खाली पड़ा अहाता।
तू न अपनी छाँव को अपने लिए कारा बनाना,जाग तुझको दूर है जाना। तू न अपनी छाँव को अपने लिए कारा बनाना,जाग तुझको दूर है जाना।
उसी दिन उसी समय से बन गई वह घर की समृद्धि की दारोमदार। उसी दिन उसी समय से बन गई वह घर की समृद्धि की दारोमदार।