STORYMIRROR

Tripti Dhawan

Tragedy

3  

Tripti Dhawan

Tragedy

जीवन में सिगरेट की मिलावट

जीवन में सिगरेट की मिलावट

1 min
11.5K

जीवन है , कोमल फूल गुलाब सा, 

तुमने इसको जला जला कर बना दिया है राख सा, 


सरल, शांत , निश्चल , दिल को जला रहे हो,

सिगरेट के धुएं में जीवन जला रहे हो,


कैसे तुम फूंकते फिरते हो ज़िन्दगी को बाजार में,

सोच भी नही पाते कि होंगे अपने किस हाल में ,


काश ! समय रहते नींद से जाग जाते,

तो तेरे अपने यूँ आज इतना आँसू नहीं बहाते ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy