शतरंज की चाल
शतरंज की चाल
शतरंज की चाल मुझे आता नहीं,
तेरी बेवकूफियों का मैं बुरा मानता नहीं !
हर किसी खेल में मैं भले माहिर नहीं,
हर किसी से अपना राज करता जाहिर नहीं !
किसी की अपार सफलता मुझे सालता नहीं,
तेरी बेवकूफियों का मैं बुरा मानता नहीं !
किसी के जले पर नमक छिड़कना मुझे आता नहीं,
शतरंज की चाल किसी सूरत में मुझे भाता नहीं !
सर्वे भवन्तु सुखिनः से मैं दूर जाता नहीं,
सर्वे संतु निरामया के क़रीब से मैं हटता नहीं !
ख़ुद की हंसी ख़ुशी को मैं पहचानता हूं,
दुख कुछ पल का मेहमान यहीं मैं जानता हूं !
इसलिए, तेरी बेवकूफीओं का मैं बुरा मानता नहीं,
कोई शतरंज की चाल मुझे आता नहीं !