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Shakuntla Agarwal

Romance

3  

Shakuntla Agarwal

Romance

श्रृंगार रस

श्रृंगार रस

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सोलह श्रृंगार सजाऊँ,

घर आयेंगे बलमवा,

बिंदिया सजाऊँ,

बलम को रिझाऊँ,

कजरा लगाऊँ,

नैनों में बसाऊँ,

माँग भरूँ मैं सिंदुरवा,

घर आयेंगे बलमवा!

हो लम्बी उमरियाँ,

घर आयेंगे बलमवा,

सोलह श्रृंगार सजाऊँ,

घर आयेंगे बलमवा!

चूड़ी खनकाऊँ,

बलम को बुलाऊँ,

गालों पे लाली,

लगा के शरमाऊं,

घर आयेंगे बलमवा!

बईयाँ जो पकड़े,

मुड़ - तुड़ जाऊँ,

मन ही मन घबराऊँ,

घर आयेंगे बलमवा!

सोलह श्रृंगार सजाऊँ,

घर आयेंगे बलमवा,

पैरों में पायल,

पहन इतराऊँ,

छन - छन - छन - छन,

मैं छनकाऊँ,

बलम की लेलूँ बलइयाँ,

घर आयेंगे बलमवा

सोलह श्रृंगार सजाऊँ,

घर आयेंगे बलमवा,

कटी में तगड़ी,

पहन मटकाऊँ,

ईशारों से बलमवा,

तुमकों बुलाऊँ,

आओ मेरी कोठरियाँ,

घर आयेंगे बलमवा,

सोलह श्रृंगार सजाऊँ,

घर आयेंगे बलमवा,

चोली पहन कर,

सिहर - सिहर जाऊँ,

मन ही मन मैं मुस्काऊँ,

घर आयेंगे बलमवा,

लाज की मारी,

आँचल दाँतों में दबाऊँ,

अंग लगायेंगे बलमवा,

घर आयेंगे बलमवा,

सोलह श्रृंगार सजाऊँ,

घर आयेंगे बलमवा,

लाज की मारी,

इत - उत डोलूँ,

मुँह से घुँघटा,

मैं न खोलूँ,

जाने थारी नगरियाँ,

"शकुन" घर आये हैं बलमवा,

सोलह श्रृंगार सजाऊँ,

घर आये हैं बलमवा ||


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