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Geeta Upadhyay

Inspirational

4.3  

Geeta Upadhyay

Inspirational

श्री राम जी की पताका लहराई है

श्री राम जी की पताका लहराई है

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दिन गुजरे साल निकले सदियों तक बिताई हैं

बलिदानों से पटी पड़ी सैकड़ों खाई है

अहम के कितने बादल फटे

झूठ की अनगिनत दीवारें ढहाई है

अपना घर होकर भी असंख्य रातें तंबू में बिताई हैं 

सत्य की राह में बेशक कठिनाई है

सहनशीलता धैर्य विश्वास ने ही विजय दिलवाई है 

भक्ति की शक्ति आज समझ में आई है


दिव्य और भव्य मंदिर के निर्माण की

खुशी में आँखें भर आई है 

इंतजार खत्म हुआ चारों और ख़ुशियाँ ही ख़ुशियाँ छाई है 

शिव जी ने डमरु मां शारदे ने वीणा बजाई है 

कान्हा की बंसी भी देने लगी सुनाई है 

हनुमान जी ने भी राम नाम की अलख जगाई है

दुल्हन सी सजी अयोध्या सुंदरता पर अपनी इतराई है

सदियों बाद श्रृंगार करके मुस्कुराई है 


चारों धामों की मिट्टी

पवित्र नदियों का जल

कितने अमूल्य है ये पल 

इस शुभ मुहूर्त के साक्षी होने की ईश्वर ने

हम सब पर कृपा बरसाई है

कुछ तो खास है प्रभु की लीला 

लाखों-करोड़ों में सिर्फ

मोदी जी ने ये जिम्मेदारी उठाई है 

पांच अगस्त दो हजार बीस की

वो शुभ घड़ी आई है

उन्होंने राम मंदिर निर्माण की

नींव पर पहली ईंट लगाई है

पूरे देश में आज मिलकर दीवाली मनाई है 

अंधेरी रात में भोर ने ली अंगड़ाई है

लगता है अयोध्या से उड़कर समीर आई है

सरयू का जल बोछारों में लाई है 

फिर से अवध में बहार आई है पूरे विश्व में 


"श्री राम जी की पताका लहराई है"


 


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