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Suman Singh

Action Inspirational

3.3  

Suman Singh

Action Inspirational

श्रद्धांजलि

श्रद्धांजलि

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तू सोचता ही रह गया,

ऐसा हमने वार किया।

मुँह तोड़ जवाब दे,

तेरे बॉर्डर को पार किया।


क्या सोचता था ऐसे ही तू,

हमारे वीरों को मार जाएगा।

कहा था ना, तुझ से बदला लेने,

मेरा एक-एक वीर आएगा।


खुद से हमने न कभी

तेरी सीमा को भेदा था,

तूने ही तो गड्ढा हमेशा

अपने लिए खोदा था।


तूने बार-बार आगे बढ़

आंतकवाद फैलाया है,

कायरों की भांति मेरे

दरवाजे पर तू आया है।


अब भी समय है सँभल जा

वर्ना बुरी तरह मुँह की खायेगा,

एक दिन दुनिया के नक्शे से

तेरा नाम खत्म हो जाएगा।


प्यार प्रेम से बढ़कर

कुछ नहीं है दुनिया में,

आतंक मचाना छोड़ दे,

प्यार का रिश्ता चाहते हैं,

हम हिन्दुस्तानी।


तू भी अपना मुख

कुछ उस ओर मोड़ दे,

इस बात को हमेशा याद रखना,

तू बस तैयारी ही करता रह जाएगा।


माफ़ी मांगते रहना फिर

समय लौटकर नहीं आएगा।

आज मेरे वीरों ने दी है

सच्ची श्रद्धांजलि मेरे शहीदों को।


भारत के हर एक वीर को नमन

जिन्दा रखा हमारी उम्मीदों को।।


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