STORYMIRROR

Suman Singh

Inspirational

2  

Suman Singh

Inspirational

ख़ामोशी

ख़ामोशी

1 min
11.9K


जिंदगी की ये डगर कभी आसान न थी,

हँसती हुई ये आँखें कभी परेशान न थी।


कितने तूफानो सें निकली ये कश्ती,

सागर की लहरे हैरान न थी।


मुश्किलों से भरा हुआ दामन है मेरा,

हँसता हुआ फिर भी है सवेरा।


काँटो को भी हँस कर देखा है हमने,

गुलाबों की हमें पहचान न थी।


जिंदगी की ये डगर कभी आसान न थी।।

जीवन की सच्चाई को पास से देखा है मैने,

मुश्किल है जीना, लगे हम भी कहने।


कोई ओर होता तो न जाने क्या करता,

पर जिंदा थे हम, क्योंकि जिंदगी थी,

मौत का फरमान न थी।


जिंदगी की ये डगर कभी आसान न थी।।


आज यहा तक मैं

तूफानों से लड़कर आया हूँ।


मेहनत से ही मैं,

सब कुछ पाया हूँ।


कोई मुझे भी जिंदगी मैं कुछ बना सके

ऐसे नसीब से मेरी पहचान न थी।


जिंदगी की ये डगर कभी आसान न थी।।


कहता हूँ इतना ही कि कभी,

जिंदगी मैं हार मत मानना।


तुम कर सकते हो सब कुछ,

खुद को इतना काबिल मानना।


क्योंकि जिंदगी की ये डगर कभी आसान न थी।

जिंदगी की ये डगर कभी आसान न थी।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational