STORYMIRROR

Neeraj pal

Abstract Inspirational

3  

Neeraj pal

Abstract Inspirational

श्रद्धा के फूल।

श्रद्धा के फूल।

1 min
12.2K

कैसे नाथ चढ़ाऊँ मैं, चरणों में ये श्रद्धा के फूल।


यह फूल नहीं अश्रु माला है, जिनको अर्पण मैं करता जाऊँ।

आपकी मनमोहक रूप सौंदर्य की गाथा मैं गाता जाऊँ।

मैं ठहरा जन्मों का पापी, कहीं हो ना जाए कोई भूल।।

कैसे नाथ चढ़ाऊं मैं, चरणों में ये श्रद्धा के फूल।।१।।


निश दिन तेरा ध्यान धरे हम, करते रहें तेरा यश गान।

तेरे नाम को लेते रहे हम, पाने को तेरा यह ज्ञान।


तेरी ही आज्ञा में चलकर जप- तप का है यही मूल।

कैसे नाथ चढ़ाऊं मैं, चरणों में ये श्रद्धा के फूल।।२।।

 

स्मरण तेरा बना रहे चाहे आ जाए कष्ट अपार।

तेरे ही दर्शन के ख़ातिर, चाहे भूल जाऊँ संसार।


 जिधर- जिधर तेरे चरण पड़ें, माथे पे हो वही धूल।

 कैसे नाथ चढ़ाऊं मैं, चरणों में ये श्रद्धा के फूल ।।३।।


 चिंतन में ही दिन- रात बीते दे दो मुझे यही वरदान।

श्रद्धा, विश्वास की कमी ना आवे बनी रहे तेरी ही शान।


भय और भरोसा बना रहे जो हैं जीवन के रत्न अमूल्य।

कैसे नाथ चढ़ाऊं मैं, चरणों में ये श्रद्धा के फूल।।४।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract