शिव हो, शक्ति हो, चमत्कार हो
शिव हो, शक्ति हो, चमत्कार हो
शिव हो, शक्ति हो, चमत्कार हो।
अंधकार को मिटा दे वो प्रतिकार हो।
बुराई को नष्ट करने वाले प्रहार हो।
शक्ति हो, ज्वाला हो, मल्हार हो।
अनन्त हो, आदित्य हो, ब्रह्मांड हो।
शिव हो, शक्ति हो, चमत्कार हो।
बाधाओं को तोड़े, वो प्रतिघात हो।
तांडव हो,तटस्थ हो,तलस्थ हो,
अग्निकुण्ड हो, परिहार हो।
आप मलंग, महाप्रचंड, कर्मयोगी,
हम तो सिर्फ आपके भात है।
तमराज साम्राज्य के विध्वंसक,
आलोक के अधिशासी सम्राट हो।
पातक के विनाशक,आमोद घटक
त्रिकालदर्शी महातांडव अविनाश हो।
शिव हो, शक्ति हो, चमत्कार हो।
