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Kavita Sharma

Children

4  

Kavita Sharma

Children

शिष्य बनाम स्टुडेंट

शिष्य बनाम स्टुडेंट

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समय के साथ बदलता जाता है सब कुछ

गुरु से शिक्षक का सफ़र ऐसा ही है सचमुच

एक समय था जब शिष्य के लिए गुरु ही सब कुछ था

एकलव्य द्रोण को बिना प्रश्न किए ही

अपना अंगूठा तक दे देता था

आज के राकेट युग में रूप बदल गया

गुरु 'टीचर ' और शिष्य स्टुडेंट हो गया

आज के छात्र के जबाव हैं एक से एक 

एक दिन एक स्टुडेंट ने बोला था झूठ

टीचर को यह बात खटकी झूठ था नहीं मंजूर

टीचर बोला बताओ तुमने ऐसा क्यों किया

मैंने कभी सिखाया नहीं ऐसा

फिर झूठ क्यों बोल दिया

स्टुडेंट बोला टीचर मैंने नहीं किया

आपने जो सिखाया उसका प्रेक्टिकल प्रयोग किया

आज विराम चिह्न का बस सही इस्तेमाल किया

आपकी दी सीख याद है मुझे

इसीलिए मैं गलत हूं इसलिए सत्य ही बोल दिया

कहता हूं फिर ये मैंने ही किया

सुनकर उत्तर शिक्षक मुस्करा दिया बस

उसे समझ में आया कि ये शिष्य नहीं है

बल्कि स्टूडेंट है अब अपनी बात बेझिझक

कहने का रखता है दंभ।



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