शिक्षक
शिक्षक
सच्चे गुरु जीवन सवार सकते है,
उजड़े बाग वो फिर बसा सकते है,!!
ज़िंदगी ने रुख बदला जब गुरु से मुलाकात हुई,
किताब कलम थामे एक नए सफ़र की शुरूआत हुई,
गलती से सीखना तुमने ही सिखाया,
ठोकर से सबक लेना भी तुमने ही सिखाया,!!
सच्चे गुरु जीवन सवार सकते है,
उजड़े बाग वो फिर बसा सकते है।
मेरी आंखों पर पड़ी अज्ञान कि पट्टी तुमने उतार दी,
मेरे अंधेरों को ज्ञान की रोशनी तुमने दे दी,
गीली मिट्टी सा मेरा जीवन तुमने इस मिट्टी को आकार दिया,
मुझ पत्थर को तुमने तराशा और हीरा बना दिया,!!
सच्चे गुरु जीवन सवार सकते है,
उजड़े बाग वो फिर बसा सकते है।
सागर की गहराई में मोती मिला करते है,
ज्ञान के पुष्पों से जीवन के बाग सदा महका करते है,
मेरे कर्म पथ से तुमने मुझे कभी भटकने ना दिया,
जीत मिले ना मिले तुमने मुझे कभी हारने नहीं दिया,!!
सच्चे गुरु जीवन सवार सकते है,
उजड़े बाग वो फिर बसा सकते है।
ज़िन्दगी के सवालों के जवाब ढूंढने में मेरे साथी बने,
गुरु से पहले तुम एक मित्र बने,
राहों पर तुम साथ नहीं चले पर राह तुमने ही दिखाई थी,
मैं टूटा जब बिखरा हिम्मत तुमने ही जगाई थी,!!
सच्चे गुरु जीवन सवार सकते है,
उजड़े बाग वो फिर बसा सकते है।
बिन गुरु जग अर्थ हीन है,
बिन गुरु जीवन अर्थ हीन है,
गुरु चरणों में ज्ञान के मोती बिखरे मिलेंगे,
एक सच्चे गुरु में ईश्वर ज़रूर दिखेंगे,!!