शिक्षक
शिक्षक
ज्ञान का दीपक जलाने वाले
अज्ञानता को जड़ से मिटाने वाले
मेरे गुरुवर नमन हैं तुझको
इंसान को इंसान बनाने वाले
नमन हैं उस भोली माँ को
जो मुझे इस दुनिया में लायी
प्रथम गुरु तो मेरी माँ ही हुई
जिसने मुझे माँ बोलना सिखलायी
हम तो थे गीली मिट्टी से
हमें न मालूम क्या बनना है?
मिला जो साथ गुरुदेव का तो
पता चला किस दिशा में चलना हैं
गाँव और छोटे शहरों से निकल कर
देश-विदेश में बड़े-बड़े नाम कमाये
जमी से आसमान में उड़ना कैसे हैं
बिना गुरु के होगा क्या कोई बतलाये?
मैं तो समय को एक शिक्षक मानता हूँ
जो हमें सही ग़लत का भेद बतलाया हैं
नमन करता हूँ उन सभी गुरुजनों का भी
जिन्होंने ने मुझे गिर कर उठना सिखाया हैं।