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Vinayak Ranjan

Abstract Inspirational Children

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Vinayak Ranjan

Abstract Inspirational Children

शिक्षक हूँ.. अनुशासक हूँ..

शिक्षक हूँ.. अनुशासक हूँ..

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शिक्षक हूँ.. अनुशासक हूँ..

स्वतः स्फूर्त प्रभावों का उपासक हूँ..

शिक्षक हूँ.. अनुशासक हूँ..

नित प्रतिष्ठ सर्वत्र हूँ..

नित ज्ञान लिए सकल विकल कल्पतरु..

कलपत्र हूँ..


शिक्षक हूँ.. अनुशासक हूँ..

अनुशासनों का जो समग्र मिला था..

शीश शिष्य जो अग्र मिला था..

रक्त धमनियों के अणु वेग में..

अनुशासित संदेश मिला था..


सृष्टि रचनाकाल की दृष्टिवृंत्त में..

पल पल निर्मित पुनर्निर्माण मिला था..

ब्रह्मवेद की वेदशिखा पे..

अमर जाग्रत परिधान मिला था..

कर प्रयत्न प्रतिज्ञा बल से..

कृत दृढ़संकल्प सबल प्रबल से..

गतिमान..


अनुस्मृत धव्ज बिंब लिए..

वर्णित.. सभ्य ऋंख्ला पूंज में..

सतत् प्रकाशित..

शिक्षक हूँ..

अनुशासक हूँ..

स्वतः स्फूर्त प्रभावों का उपासक हूँ।


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