शीर्षक-भारत के दुलारे
शीर्षक-भारत के दुलारे
भारत की क्षति जब धरा मिले
तब सशस्त्र सम्मुख मिलना
जीवन हो या न हो प्यारे
तुम भारत की रक्षा करना।।
ये धर्म है सुन लो तुम
भारत के वासी हो
हृदय तुम्हारा शीतल गंगा
और गात्र से काशी हो।।
संभल सदा रहना तुम प्यारे
तुम भारत तनय हो न्यारे
सदा देश की रक्षा करना
क्योंकि तुम हो सबसे दुलारे।।
