शेर शेर है सैन ( गीत )
शेर शेर है सैन ( गीत )
शेर शेर है सैन, शेर शेर है सैन ..
अपनो पर जो गर्व है करते,
जिनके ऊपर नैन,
शेर शेर है सैन, शेर शेर है सैन
कभी नहीं जो एका खोते,
जीत बाँहों में लेकर सोते,
जिनकी जुबां में मिश्री होती,
अशोक चक्र है जिनकी दैन ।
शेर शेर है सैन, शेर शेर है सैन
उस धुव्र से इस ध्रुव तक,
इस चोटी से उस सागर तक,
उस अम्बर से इस धरती तक,
परचम लहराए जो दिन रैन ।
शेर शेर है सैन, शेर शेर है सैन
नंदवंशी कहलाए जब जब,
सेवक बन कर आए तब तब,
जानो दर्शन दिए थे कब कब,
ऐसी रही है इनकी देन ।
शेर शेर है सैन..शेर शेर है सैन