बेबस होकर अपनी माँ को बूढ़ा होते देख रहा हूं बेबस होकर अपनी माँ को बूढ़ा होते देख रहा हूं
बिना पेडों के, जीवन न होता, जीव-जंतु कम पेडों के कारण हर रोज़ रोते हैं बिना पेडों के, जीवन न होता, जीव-जंतु कम पेडों के कारण हर रोज़ रोते हैं
तेरे न होने से गम तो है, अपनी जिंदगी में कुछ कम तो है। यूँ तो नहीं हम रोते हैं, बि तेरे न होने से गम तो है, अपनी जिंदगी में कुछ कम तो है। यूँ तो नहीं हम ...
राशन पानी घर बिजली की किश्तों की भुगतान में ज़िन्दगी खोते लोग राशन पानी घर बिजली की किश्तों की भुगतान में ज़िन्दगी खोते लोग
उस धुव्र से इस ध्रुव तक, इस चोटी से उस सागर तक, उस धुव्र से इस ध्रुव तक, इस चोटी से उस सागर तक,