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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Drama Action Classics

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Drama Action Classics

शैलपुत्री

शैलपुत्री

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नवरात्रे त्योहार होते जो,

जगाते मन में जोश उमंग,

जप तप व्रत के पर्व होते,

भर दे मन में प्रीत के रंग।


नौ रूपों में सजा हुआ है,

मां का दरबार निराला है,

हर दिल में तुम ही बसी,

जन रटते मां की माला है।।


हिमालय की पुत्री बनी,

मां शैलपुत्री कहलाती है,

जप-तप में प्रसिद्ध हो,

ब्रह्मचारिणी बन जाती है।


पर्वतराज की पुत्री बनके,

कठोर तप दिन रात किया,

शिव भोले को पति रूप में,

पाने का ही वरदान लिया।


रूप सुहाता मन को भाता,

ऐसी माता शैलपुत्री कहाती,

सभी दुष्टों का नाश करो मां,

भक्तों को तुम अति सुहाती।।


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