शायरी
शायरी
ये बारिश भी
कितनी फिक्र करती हैं न मेरी
तुम साथ हो तो
लम्हें यादगार बना जाती हैं
और जब हो तुम दूर भी तो
तुम्हारी याद दिला जाती है!
ये बारिश भी
कितनी फिक्र करती हैं न मेरी
तुम साथ हो तो
लम्हें यादगार बना जाती हैं
और जब हो तुम दूर भी तो
तुम्हारी याद दिला जाती है!