STORYMIRROR

Rishika Inamdar

Romance

2  

Rishika Inamdar

Romance

शायद

शायद

1 min
262

अब तो शायद ही कोई मोहब्बत करे हम से

वीरानो से हैं दिल के दर 'ओ 'दीवार।


यूँ खण्डरों में क्यों कोई बसेरा बनाएगा

क्यों करेगा कोई अपनी दुनिया रोशन हमसे।


हमारी नज़रों में अब टिमटिमाती हुई उमंगें भी नहीं

बस ढलते हुए कुछ वक़्त के सिरे हैं।


जिसे हम साँसों से खींचते हैं 

अब तो शायद ही कोई मोहब्बत करे हमसे।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance