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Maheswar sahoo

Drama

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Maheswar sahoo

Drama

शाम आई

शाम आई

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सुहाना मौसम शांत सरल 

          चारों और हुई सुनसान ;

गाना गाती हुई चिड़िय लौटी 

          अपने घर है इस वन ::


शाम आयी है रात को लेकर 

         विश्राम लेने का समय ;

कृषक से लेकर पशु पक्षी 

        सबको मिलेगा आश्रय ::


ठंड का मौसम बड़ा शीतल है 

        बुजुर्गों है बड़ा काल ;

शाम आई रे आई है शाम 

        सूरज डूबे अंधेरा लाकर ;


पेड़ पौधों पर गिर रही है शिसिर 

        मौसम को ठंडा बनाकर ::

बजती है घंट साथ ही मृदंग 

          गली गली मन्दिरों मैं ;

सुनाई देती है शंख की ध्वनि 


          पूरपल्ली घर घर मैं ::

भाइयों और मेरी बहनों 

          और मेरे पूरे दोस्त ;

बधाई हो मेरे सबको 

     एक ठण्डी ठण्डी शुभ रात।


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