शाम आई
शाम आई
सुहाना मौसम शांत सरल
चारों और हुई सुनसान ;
गाना गाती हुई चिड़िय लौटी
अपने घर है इस वन ::
शाम आयी है रात को लेकर
विश्राम लेने का समय ;
कृषक से लेकर पशु पक्षी
सबको मिलेगा आश्रय ::
ठंड का मौसम बड़ा शीतल है
बुजुर्गों है बड़ा काल ;
शाम आई रे आई है शाम
सूरज डूबे अंधेरा लाकर ;
पेड़ पौधों पर गिर रही है शिसिर
मौसम को ठंडा बनाकर ::
बजती है घंट साथ ही मृदंग
गली गली मन्दिरों मैं ;
सुनाई देती है शंख की ध्वनि
पूरपल्ली घर घर मैं ::
भाइयों और मेरी बहनों
और मेरे पूरे दोस्त ;
बधाई हो मेरे सबको
एक ठण्डी ठण्डी शुभ रात।
