दुख
दुख
माँ तो जन्म देती हैं ना
नसीब बनाता है भगवान :
जो करा सो कर्म के अनुसार
फल तो मिलेगी अनुमान ::
अपना कर्म अपना धर्म
अपना इसी दुखी जीवन :
पिता माता का आशीर्वाद
रहता होगा सबसे महान ::
ज़िन्दगी अपनी कर्म भी
अपनी करना अच्छा काम :
अच्छे काम कर नाम कमाना
जग में रखना अपना नाम ::
बुरा कर्म ही दुख का कारण
गलत ना करना कभी :
लोभ मोह हिंसा क्रोध को
त्याग कर लेना सभी ::
प्रसन्नत्ता की साधाना में
लगा लो अपना ध्यान :
मीठी मीठी बात् करके
ज़ीत लो सबके मन ::
जीना तो है दुख सुख मैं
विधि का है ये विधान :
सच का सामना करे तो
दुख ना दे भगवान।