फूलों की रानी
फूलों की रानी
बाश है तेरी फूल की रानी
महक छुती है दिल मेरा
ओ फुलकी रानी बड़ी महनी
हो सबसे बड़ी नियारा
खिलति हो क्यूँ बाग मैं तुम
गाति हो क्या शुरताल मैं
प्यारी हो तुम तितलिका ओ
प्यार है तुम्हारी दिल में
इतनी सुंदर क्यों हो तुम बोलो
इतनी नियारी हो भी तुम
कोमल मती बड़ी छालछाली
झुलती हो हवा में झुमेझुम
रंग बिरंगी सूंदर छैली प्यारी
हो तुम मानब और ईश्वरका
प्यारी की माली बनी जाती हो
लुभाने वाली हो हर दिल का
दुखद है हमें जब तुम बिरजती
हो आत्याचारी के गले में
सोभा देती है शुजन के गले में
तब होगी महान तुम जग में