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DR. RICHA SHARMA

Romance

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DR. RICHA SHARMA

Romance

सच्चे प्यार की राह

सच्चे प्यार की राह

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सच्चे प्यार की राह, प्रत्येक में होती है ये चाह।

जब मिल जाता है मनचाहा तो होता है ब्याह।।


जाने-अंजाने में जब उठ जाते हैं कदम।

मिल जाता है अपना कोई प्यारा हमदम।।

जो बिन कहे ही बाँट लेते हैं हमारे सारे गम।

सत्य है कि भरा होता है हमसफ़र में ऐसा दम।।


प्रेम की पराकाष्ठा का होने लगता है चमत्कार।

प्रेमी होता है खूबसूरत, मनमोहक कलाकार।।

कभी नहीं करता किसी भी बात पर तकरार।

बस यही खूबी ही करने लगती है मुझे बेकरार।।


स्नेह का गहरा संबंध अटूट नज़र आता है।

तेरा सुंदर चेहरा मेरे मन को बहुत भाता हे।।

अपनी मीठी बातों में तू मुझको बहकाता है।

इस प्रकार तू मेरा जीवन फूल-सा महकाता है।।


ज़िंदगी के सुख-दुख तो होते हैं धूप-छांव।

कभी न लड़खडाने चाहिए हमारे पांव।।

समभाव रूप से होना चाहिए बस चाव।

सदा जीवंत बने रहने चाहिए प्रेम-भाव।।



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