सच पूछो......
सच पूछो......
सच पूछो तो कहां ...कोई
वीकेंड होता है।
हर दिन का अपना ही ,
अलग फलसफा होता है।
सच पूछो तो कहां... कोई
वीकेंड होता है।
ढर्रे पर चलती जिंदगी का,
कहां कोई एंड होता है।
सोच और सपनों का,
हकीकत की जिंदगी में,
बस दि एंड- दि एंड होता है।
सच पूछो तो कहां ...कोई ,
वीकेंड होता है।
फिर भी जिंदगी को बहलाना पड़ता है
हंसना पड़ता है मुस्कुराना पड़ता है।
कुछ बदल जाए कुछ बदल सकता है
इसलिए दिन को वीकेंड की तरह खास बनाना पड़ता है।